“फारबिसगंज बना ‘रक्तवीरों का गढ़’: विश्व रक्तदाता दिवस पर युवाओं और समाजसेवियों ने रचा मानवता का इतिहास”

Edited By: Jay Dubey
Updated At: 21 June 2025 04:03:22

विश्व रक्तदाता दिवस पर फारबिसगंज के युवाओं और व्यवसायियों की रक्तदान में निःस्वार्थ भागीदारी, लायंस ब्लड बैंक से सेवा को मिला नया आयाम।

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विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर जब पूरी दुनिया रक्तदान की उपयोगिता और ज़रूरत को याद कर रही है, उस समय फारबिसगंज जैसे छोटे शहर के युवाओं और समाजसेवियों ने जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह पूरे देश के लिए प्रेरणा है।

यहाँ रक्तदान एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि हर दिन का संकल्प बन चुका है। फारबिसगंज के युवाओं ने तकनीक और मानवता को जोड़ते हुए एक ऐसा रक्तदाता नेटवर्क तैयार किया है, जो व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से हर अस्पताल, नर्सिंग होम और जरूरतमंद तक तत्काल रक्त पहुँचाने का काम करता है।

हर ब्लड ग्रुप, हर समय उपलब्ध

ब्लड की मांग जब भी आती है — चाहे रात हो या दोपहर, त्योहार हो या बारिश — यह टीम हमेशा तैयार रहती है।
इन युवाओं में छात्र, व्यापारी, प्रोफेशनल और बाहर काम करने वाले लोग भी शामिल हैं। टीम में हर ब्लड ग्रुप — A+, A−, B+, B−, AB+, AB−, O+, O− — के डोनर उपलब्ध हैं। एक कॉल या व्हाट्सएप मैसेज पर ब्लड तुरंत उपलब्ध हो जाता है। टीम ने फारबिसगंज के लगभग हर निजी और सरकारी अस्पताल में जरूरत के समय रक्त पहुँचाया है।

मानवता की मिसाल: टीम के प्रमुख सदस्य

इस पूरी मुहिम को न सिर्फ शुरू करने में, बल्कि लगातार जीवित और सक्रिय बनाए रखने में कुछ विशेष युवाओं की अहम भूमिका रही है।
ये सभी सदस्य न केवल जरूरतमंदों के लिए रक्त का इंतज़ाम करते हैं, बल्कि खुद भी नियमित रूप से रक्तदान करते हैं
इनका मानना है कि रक्तदान सिर्फ एक सामाजिक कार्य नहीं, बल्कि इंसान होने की असली परिभाषा है।

  • Rajat Ranjan (Raju): "रक्तदान हमारे लिए एक सेवा नहीं, कर्तव्य है।"
  • Manish Sah: "चेहरे पर मुस्कान तब आती है, जब किसी की जान बचती है।"
  • Shoukhat Ansari: "हम धर्म नहीं, ब्लड ग्रुप देखते हैं।"
  • Anshu Avinash Kannojia: "जब अनजान लोग हमें उम्मीद से देखते हैं — वही हमारी जीत है।"
  • Aditya Bhagat: "ब्लड देने से मानसिक शांति मिलती है।"
  • Brajesh Dwivedi: “मैं हर युवा से यही कहता हूं — साल में कम से कम दो बार रक्तदान कीजिए। ये कोई कठिन काम नहीं, बल्कि सबसे आसान तरीका है किसी की जान बचाने का।”

इस समूह में एक और प्रेरणास्पद नाम है — विजय प्रकाश, जो फारबिसगंज के प्रसिद्ध व्यवसायी और Prakash Group के प्रबंध निदेशक (MD) हैं।
विजय जी सिर्फ व्हाट्सएप पर सक्रिय नहीं, बल्कि समय-समय पर अपने शोरूम में रक्तदान शिविर आयोजित कर, युवाओं को प्रेरित करते रहते हैं।उनका मानना है: "एक सफल व्यापारी वही है, जो समाज को लौटाने का जज्बा रखता है। हम मुनाफा ही नहीं, ज़िंदगी भी बाँटते हैं — एक यूनिट खून से।"

लायंस ब्लड बैंक से सेवा को स्थायित्व मिला

11 सितंबर 2024 को फारबिसगंज में लायंस क्लब द्वारा ‘लायंस ब्लड बैंक’ की स्थापना हुई। बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने मुंबई से इसका वर्चुअल उद्घाटन करते हुए लायंस क्लब की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था: “ब्लड का कोई मोल नहीं। समय पर रक्त मिल जाए तो वही असली दौलत है।”

लायंस क्लब के अनुसार, यह बिहार और झारखंड का पहला लायंस ब्लड बैंक है और पूर्वी भारत में पिछले 10 वर्षों में स्थापित हुआ पहला ब्लड बैंक भी।

निष्कर्ष: फारबिसगंज बना मानवता का प्रतीक

विश्व रक्तदाता दिवस पर फारबिसगंज की यह युवा टीम, स्थानीय व्यवसायी और सामाजिक संस्थाएं मिलकर जो कार्य कर रहे हैं — वह न केवल लोगों की जान बचा रहा है, बल्कि समाज को जोड़ने का कार्य भी कर रहा है। इनका संदेश साफ है: "जब भी ज़रूरत हो, हमें याद करें — हम इंसानियत के लिए हर समय तैयार हैं।"

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